शिवराज कैबिनेट में बड़ी हिस्सेदारी चाह रहे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया? BJP से इन नामों की चर्चा

भोपाल
शिवराज कैबिनेट का विस्तार उलझता जा रहा है। पेंच कई जगहों पर फंसा हुआ है। विस्तार में भी एक फैक्टर हैं। इस बीच बीजेपी के एमपी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्दे आज भोपाल पहुंच रहे हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार यह खबर आ रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शिवराज कैबिनेट में बड़ी हिस्सेदारी चाहती हैं। वह एक भी मंत्री पद से समझौता करने के मूड में नहीं हैं।

चर्चा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अब ज्यादा लोगों को कैबिनेट में जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सिंधिया ने पार्टी को कुछ नाम भी सुझाए हैं। जिसमें ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव और राज्यवर्धन सिंह दत्तिगांव भी उसमें नाम है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में 16 पूर्व विधायक और 6 पूर्व मंत्री के साथ आए हैं। उन 6 पूर्व मंत्रियों का तो कैबिनेट मंत्री बनना तय है। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत कैबिनेट में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने 6 लोगों के अलावे बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग को मंत्री पद का आश्वासन दिया था।

वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप के इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसौदिया का तो मंत्री बनना तय है। सिंधिया कैंप के बाकी नामों पर सस्पेंस बरकरार है। हालांकि बीजेपी के नेता लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में हैं। दिल्ली दौरे के दौरान सीएम ने भी उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। वहीं, मंगलवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया से जाकर मुलाकात की है।

बीजेपी में ये हैं दावेदार
वहीं, बीजेपी की तरफ से भी कुछ संभावित नामों की चर्चा है। जिसमें भोपाल से रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री, इंदौर से मालिनी गौड़, ऊषा ठाकुर और रमेश मेंदोला, जबलपुर से अशोक रोहिणी, बालाघाट के राम किशोर कांवरे, विंध्य क्षेत्र से रामखिलावन पटेल, कुंवर सिंह टेकम, केदार शुक्ल और गिरीश गौतम के नामों की चर्चा है।

इसके साथ ही मालवा रीजन से चेतन्य कश्यप, अरविंद भदौरिया, मोहन राठौर, रामलल्लू वैश्य और नीना वर्मा दावेदार हैं। निवाड़ से प्रेम शंकर पटेल और सुरेंद्र पटेल का नाम आगे हैं। वहीं बुदेंलखंड से हरिशंक खटीक दावेदार हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि यह बीजेपी नेतृत्व तय करेगी कि संगठन के लिए बेहतर क्या है। चाहे वह नया हो या पुराना कार्यकर्ता, एक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। कुछ समय लगेगा लेकिन जल्द ही कैबिनेट को लेकर फैसला हो जाएगा।

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