भारतीय मूल के रिसर्चर्स समेत अन्य ने एक स्टडी के जरिए दिखाया है कि कोरोना वायरस लैब में विकसित किए गए दिल की मांसपेशी की कोशिकाओं (Muscle Cells) को संक्रमित कर सकता है। यह इस बात का संकेत देता है कि संभव है कि यह वायरस सीधे COVID-19 मरीजों के दिल को संक्रमित करता हो। यह स्टडी लैब में विकसित की गई ह्रदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं पर किए गए प्रयोगों पर आधारित है जिन्हें मानव की स्टेम कोशिकाओं (Human Stem Cells) से तैयार किया गया था। अमेरिका के सिडार-सिनई (Cedar Sinai) बोर्ड ऑफ गवर्नर्स रीजेनरेटिव मेडिसिन इंस्टिट्यूट के अरुण शर्मा इस स्टडी के सह लेखक हैं।
’72 घंटों में धड़कने की क्षमता पर असर’
शर्मा ने बताया है, ‘हमने न सिर्फ यह पाया कि स्टेम कोशिकाओं से तैयार ये ह्रदय कोशिकाएं कोरोना वायरस से संक्रमित होने के प्रति अति संवेदनशील हैं बल्कि यह भी देखा कि वायरस ह्रदय की मांसपेशी कोशिकाओं के भीतर जल्दी से विभाजित भी होने लगता है।’ उन्होंने कहा, ‘और भी अधिक महत्त्वपूर्ण यह था कि संक्रमित ह्रदय कोशिकाओं में संक्रमण के 72 घंटे बाद धड़कने की उनकी क्षमता में परिवर्तन देखा गया।’
लक्षणों के कारण पर स्टडी अभी बाकी
वैज्ञानिकों का कहना है कि COVID-19 के कई मरीजों को ह्रदय संबंधी समस्या आती है लेकिन इन लक्षणों के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पहले से मौजूद दिल की कोई समस्या या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन और ऑक्सिजन की कमी, इन सभी कारणों को इसमें शामिल किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बारे में बहुत सीमित साक्ष्य उपलब्ध हैं कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) दिल की प्रत्येक मांसपेशी कोशिकाओं को सीधे-सीधे संक्रमित करता है।
प्रोटीन बनाने वाले जीन पर असर
वर्तमान स्टडी दिखाती है कि SARS-CoV-2 मानव स्टेम कोशिकाओं से तैयार की गई ह्रदय कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है और इन कोशिकाओं में मौजूद जीन प्रोटीन बनाने में कैसे मदद करते हैं उस प्रक्रिया को बदल सकता है। इन परिणामों के आधार पर वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि वायरस सक्रियता से मानव ह्रदय कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। यह स्टडी ‘सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।