अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने पहले क्ले और फिर ड्रोन पर निशाना लगाने की ट्रेनिंग दी। सोढ़ी ने कहा, ‘यह काफी रोचक था। कमांडो के अलावा कई सीनियर अधिकारी भी इसके लिए आए।’ सोढ़ी ने बताया कि डीएआरसी की आधारशिला रखने वाले सीआईडी विंग के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल राव बीते एक साल से इस संबंध में संपर्क में थे।
सोढ़ी ने कहा, ‘वह इसके बारे में मुझसे डेढ़ साल से बात कर रहे थे। यह काफी चुनौतीपूर्ण है। चाहे आप सेना में हों या पुलिस में आप कभी शॉटगन नहीं चलाते। आप कभी उड़ती हुई चीज पर निशाना नहीं लगाते। सिर्फ एयरफोर्स में शॉटगन मशहूर हैं। उन्हें कई बार पक्षियों को मारना होता है इसलिए उनके पास ट्रेनिंग होती है।’
उन्होंने कहा, ‘ड्रोन को राइफल और पिस्टल से गिराना आसान नहीं है। यह हरियाणा पुलिस द्वारा शुरू की गई पहली पहल है। मुझे नहीं लगता कि ऐसा पहले हुआ है।’ सोढ़ी पंजाब पुलिस में उप अधीक्षक हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद पुलिस हूं। जब भी मेरी सेवा की जरूरत होगी, मैं मदद करने को तैयार रहूंगा। कल को अगर सेना बुलाती है तो मैं मदद करके खुशी महसूस करूंगा। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि कई ऐसे लोग हैं जो मदद करने को तैयार हैं।’