चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी विवाद अब और गहराता दिखाई दे रहा है। चीनी सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे आर्थिक घेराबंदी और साइबर हमलों से परेशान ऑस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सेना को और मजबूत करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन ने सेना के लिए नए हथियारों के खरीद की भी घोषणा की है। इसके अलावा एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया कई महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी सेना की तैनाती बढ़ाएगा।
सुपर हॉर्नेट बेड़े को मजबूत करेगा ऑस्ट्रेलिया
पीएम मॉरिशन ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया अपने सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट्स के बेड़े को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी के एंटी शिप मिसाइलों की खरीद सहित देश की रक्षा रणनीति में बदलाव किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा कदम मित्र देशों, सहयोगियों और मुख्य भूमि की रक्षा के लिए उठाया है।
हाइपरसोनिक मिसाइल को भी खरीदने की तैयारी
नई घोषणा के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया इस जमीन से लॉन्च की जा सकने वाली लॉन्ग रेंज सरफेस टू सरफेस मिसाइल और सरफेस टू एयर मिसाइल के खरीद के बारे में भी विचार कर रहा है। इसके अलावा हाइपरसोनिक मिसाइलों के खरीद को लेकर भी अमेरिका से बात करने की तैयारी है। बता दें कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा मददगार अमेरिका है।
ऑस्ट्रेलिया को इस बात से डर
ऑस्ट्रेलिया की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दिनों में चीन और उत्तर कोरिया ने लॉन्ग रेंज की कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। जिनमें से कई तो 5500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। जिसके बाद से रक्षात्मक रणनीति के तहत ऑस्ट्रेलिया को यह खरीद करने की जरूरत पड़ी है।
ऑस्ट्रेलिया और चीन में तनाव चरम पर
कोरोना वायरस को लेकर ऑस्ट्रेलिया के सवालों से नाराज चीन ने आर्थिक रूप से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल में ही चीनी सरकार ने अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया न जाने की सलाह जारी की थी। इतना ही नहीं चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले कई सामानों पर बैन भी लगाया है।