डिविलियर्स ने स्वीकार किया कि उन्हें इस हार के झटके से उबरने में जूझना पड़ा। डिविलियर्स ने ‘क्रिकबज इन कनवर्शेशन’ के दौरान हर्षा भोगले से कहा, ‘इसने मुझे तोड़ दिया था लेकिन मैंने खेलना जारी रखा, मैंने हर संभव प्रयास किया, क्रिकेट से जुड़े रहने की कोशिश की। मैं काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। मेरी अब भी बेहतरीन यादें हैं।’ सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में एक माने जाने वाले 36 साल के डिविलियर्स ने 2018 में 14 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया था जबकि वह उस समय अपने खेल के शीर्ष पर थे।
डिविलियर्स ने उस समय अपने संन्यास का कारण बताते हुए कहा था कि उनमें अब ‘दम नहीं बचा’ और वह ‘थकान महसूस कर रहे’ हैं। इस पूर्व कप्तान ने हालांकि कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हार ने उनके फैसले में बड़ी भूमिका निभाई। साउथ अफ्रीका के लिए 114 टेस्ट में 8765 और 228 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 9577 रन बनाने वाले डिविलियर्स ने कहा, ‘निजी नजरिए से कहूं तो हां, इसने बड़ी भूमिका निभाई थी।’ उन्होंने कहा, ‘उस रात हम खेल से हार गए और उस साल मेरे लिए उस हार से उबरना मुश्किल था।’
डिविलियर्स ने कहा, ‘हमें दोबारा शुरुआत करनी थी लेकिन मैं स्थिति ऐसी थी कि ठहरो, मैं अब तक इस विश्व कप की हार से नहीं उबरा हूं। इससे काफी पीड़ा पहुंची। इसलिए हां, मैं काफी संवेदनशील हूं और मैं कैसे महसूस करता हूं इसमें इस तरह की चीजें बड़ी भूमिका निभाती हैं।’ साउथ अफ्रीका की टीम विश्व कप में कभी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई और उसे 1992 और 1999 की प्रतियोगिताओं में भी निराशा का सामना करना पड़ा था। डिविलियर्स ने कहा कि उन्हें 2015 की हार से एक साल तक जूझना पड़ा और उन्हें खेद है कि वह अपनी भावनाओं को खुलकर सामने नहीं रख पाए।