प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने आने वाले महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाए जाने वाले कई त्योहारों का जिक्र करते हुए नवंबर तक PM गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार का ऐलान किया। हालांकि, पीएम के भाषण के बाद कई लोगों ने इस बात पर आलोचना शुरू कर दी कि पीएम मोदी ने सिर्फ कुछ क्षेत्रों और धर्मों के त्योहारों का जिक्र किया और बाकी को भूल गए। आइए जानते हैं कि पीएम ने अपने भाषण में कहा क्या था।
देश के अलग-अलग कोनों में मनाए जाते हैं त्योहार
पीएम मोदी ने कहा कि जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का माहौल बनने लगता है। इसके बाद उन्होंने जिन त्योहारों का जिक्र किया उनमें सबसे पहला था गुरु पूर्णिमा जो यूं तो हिंदू मान्यताओं के साथ-साथ गौतम बुद्ध से जुड़े होने के कारण बौद्ध और चतुर्मास की शुरुआत के कारण जैन धर्म से संबंधित है लेकिन शिक्षकों के साथ जुड़े होने के कारण लगभग सभी धर्मों और क्षेत्रों में मनाया जाता है। इसके अलावा उन्होंने जिन त्योहारों का जिक्र किया उनमें से रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी (मुख्यत: दक्षिणपश्चिम), दुर्गा पूजा (पश्चिम बंगाल), दशहरा और दिवाली भी देश के लगभग हर कोने में मनाए जाते हैं।
ओवैसी ने बकरीद पर घेरा, ‘भूल गए पीएम’
इसके अलावा उन्होंने छठ, सावन और नवरात्रि का जिक्र किया जो मुख्यत: उत्तर भारत में, ओणम दक्षिण भारत में और बिहू पूर्वोत्तर में मनाए जाते हैं। पीएम के भाषण के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पीएम ने बकरीद का जिक्र नहीं किया। बता दें कि बकरीद के 31 जुलाई-1 अगस्त को होने की उम्मीद है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदबंरम के बेटे और तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद
ने भी सवाल किया कि पीएम दक्षिण भारत को क्यों भूल गए। हालांकि, कार्ति ने ओणम के जिक्र को नजरअंदाज कर दिया।
इसलिए किया था त्योहारों का जिक्र
पीएम ने अपने भाषण में त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा कि त्योहारों का समय जरूरतें भी बढ़ाता है और खर्च भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ऐलान किया गया कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवंबर के आखिर तक किया जाएगा। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना अबजुलाई से लेकर नवंबर तक लागू रहेगी।
पीएम ने कहा कि सरकार द्वारा इन 5 महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मुहैया कराया जाएगा। हर परिवार को हर महीने 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा। इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे और पिछले तीन महीने का खर्च जोड़ने पर यह 1.5 लाख करोड़ रुपये हो जाता है।