भारत और चीन के बीच जारी तनातनी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। इसके अलावा उन्होंने केंद्र से चीन के खिलाफ सख्त स्टैंड लेने की बात कही और चीनी कंपनियों के फंड में दिए गए डोनेशन वापस करने की अपील की। बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि हमने साल 1948, 1965, 1971 और 1999 के सभी जंग जीते हैं। अब चीन को जवाब देने की उनकी (केंद्र सरकार की) बारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन के साथ 60 के दशक से ही हमारा विवाद बना हुआ है। गलवान की घटना पहली बार नहीं है। मुझे यकीन है कि भारत सरकार जरूरी सैन्य सावधानी बरत रही है। मुझे लगता है कि हमें अक्साई चिन और सियाचिन के बीच के गैप को बंद करने के चीन के इरादों से सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा सीएम ने कहा कि चीन के खिलाफ भारत को कड़ा रुख अपनाना चाहिए और चीनी कंपनियों के पीएम केअर्स में दिए गए फंड्स को भी वापस कर देना चाहिए।
‘चीनी कंपनियों के पैसे वापस कर दे सरकार’
सिंह ने चीनी कंपनियों का नाम लेते हुए कहा कि कुछ चीनी फर्म्स ने पीएम केअर्स में पैसे दान किए हैं। ऐसे समय में जब सीमा पर टकराव की स्थिति है, हमारे सैनिक मारे जा रहे हैं और भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की जा रही है, अगर पड़ोसी देश से किसी भी तरह का धन प्राप्त हुआ है तो उसे वापस किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि कितने पैसे आए? ऐसे समय में जब पहले तो वे (चीन) कोरोना के लिए जिम्मेदार हैं और दूसरे हमारे देश में आक्रामकता के लिए भी जिम्मेदार हैं, अगर एक रुपया भी किसी चीनी फर्म से आता है तो उसे लौटा देना चाहिए। सिंह ने कहा कि भारत को खुद की देखभाल के लिए चीन के पैसों की जरूरत नहीं है। हम उसके बिना भी मैनेज कर सकते हैं।