फुटबॉल प्रसारण के दौरान नस्लवादी भेदभाव के आरोप

लंदनइंग्लैंड में फुटबॉल खिलाड़ियों की यूनियन का मानना है कि यूरोपीय लीगों में कमेंटेटरों की ओर से मैचों के प्रसारण के दौरान इस्तेमाल होने वाली भाषा में नस्लीय भेदभाव झलकता है। डेनमार्क की रिसर्च कंपनी रनरिपीट ने पेशेवर फुटबॉलरों के संघ (पीएफए) के साथ मिलकर रिसर्च कराई है।

इसमें पता चला है कि खिलाड़ियों की समझदारी की जो तारीफ की जाती है वह 63 प्रतिशत मामलों में श्वेत खिलाड़ियों से जुड़ी होती है जबकि खिलाड़ियों की समझदारी को लेकर जो आलोचना की जाती है उसमें 63 प्रतिशत मामलों में निशाने पर अश्वेत खिलाड़ी होते हैं। इस रिसर्च में यह भी पता चला है 60 प्रतिशत मौकों पर काम को लेकर श्वेत खिलाड़ियों की सराहना की जाती है।

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इस रिसर्च में इस सत्र में प्रीमियर लीग के अलावा इटली, स्पेन और फ्रांस की शीर्ष लीग के 80 मैचों का रिसर्च किया गया। इस दौरान ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा की मीडिया कंपनियों में काम करने वाले और अंग्रेजी में बोलने वाले प्रसारणकर्ताओं के 2073 बयानों का विश्लेषण किया गया।

इसमें साथ ही कहा कि कमेंटेटरों की ताकत के मामले में अश्वेत खिलाड़ियों का संदर्भ देने की संभावना लगभग सात गुना अधिक होती है जबकि गति के मामले में अश्वेत खिलाड़ियों का संदर्भ तीन गुना अधिक बार आता है।

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