लद्दाख में जारी तनाव को लेकर भारतीय मीडिया से खार खाए ने भारतीय न्यूज वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है। चीन में इन वेबसाइट्स को अब ओपन नहीं किया जा सकेगा। जबकि, चीन सरकार के न्यूजपेपर वेबसाइट्स अब भी भारत में आसानी से काम कर रहे हैं। बता दें कि हाल में ही डेटा सिक्योरिटी का हवाला देते हुए भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है।
दो दिन पहले किया खेल
बीजिंग में राजनयिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय टीवी चैनलों को अब केवल आईपी टीवी के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। चीन में एक्सप्रेस वीपीएन पर पिछले दो दिनों से आईफोन और डेस्कटॉप पर भारतीय वेबसाइट्स काम नहीं कर रहे हैं। वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एक शक्तिशाली ट्रूल है, जो पब्लिक इंटरनेट कनेक्शन से प्राइवेट नेटवर्क बनाकर उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन एक्सेस देता है।
चीन को पोल खुलने का डर
अपने दमनकारी सेंसरशिप के लिए बदनाम चीन को डर है कि भारतीय मीडिया के जरिए वहां के लोगों को सही जानकारी मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन में जितने भी मीडिया हाउस हैं वे सभी सरकारी स्वामित्व वाले हैं और बिना कम्युनिस्ट पार्टी की मंजूरी के वे कुछ भी नहीं लिख सकते। इसी डर से चीन ने भारतीय न्यूज वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है।
एक दिन पहले ही भारत ने 59 चीनी ऐप्स को किया बैन
सोमवार को भारत सरकार ने यूसी ब्राउजर और टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को डेटा सिक्योरिटी के कारण बैन कर दिया। इनके सर्वर दूसरे देश में है और आशंका जताई जा रही थी कि ये ऐप भारतीय नागरिकों का डेटा विदेशी सरकार को दे रहे हैं। जिससे देश की सुरक्षा को खतर हो सकता है।
चीन को ऐसे ‘शॉक’ देने की तैयारी में भारत
चीनी ऐप्स पर बैन लगाना तो महज एक शुरुआत है, भारत ने चीन के होश फाख्ता करने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। आने वाले दिनों में कुछ ऐसे फैसले हो सकते हैं जो ड्रैगन को फूटी आंख नहीं सुहाएंगे। भारत ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से चीनी इक्विपमेंट्स न यूज करने को कहा है। वहीं 5G को लकेर लेकर भी फैसला जल्द होने वाला है।
चीनी इक्विपमेंट्स पर लगाया जा सकता है बैन
भारत में 5G नेटवर्क के लिए चीनी कंपनियों के इक्विपमेंट्स यूज करने पर बैन लगाया जा सकता है। इसके अलावा, कारोबार के लिहाज से चीनी उत्पादों के इम्पोर्ट को कम करने के लिए भी नियम तैयार किए जा रहे हैं। इस बारे में सोमवार को टॉप मिनिस्टर्स की उस मीटिंग में भी चर्चा हुई जिसमें 59 चीनी ऐप्स बंद करने पर फैसला लिया गया।