तेलंगाना में कोरोना का खौफ इतना ज्यादा है कि पूरी तरह ठीक हो चुके मरीजों को भी उनके परिजन घर ले जाने को तैयार नहीं हैं। इस वजह से कोरोना से उबर चुके लोगों को सरकारी केंद्रों में रखा जा रहा है। हैदराबाद स्थित गांधी अस्पताल में कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ. प्रभाकर राव के अनुसार, ऐसे लगभग 50 लोगों को नेचर क्योर अस्पताल में रखा गया है, जिनके परिजन उन्हें घर वापस ले जाने के लिए नहीं आए।
नोडल अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास ऐसे 60 मामले आए जिसमें ठीक चुके लोगों को घर ले जाने के लिए उनके परिजन नहीं आए। उन्हें डर है कि कहीं उन्हें या उनके बच्चों को संक्रमण न हो जाए। हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक महिलाओं और पुरुषों समेत ऐसे 50 लोगों को नेचर क्योर अस्पताल में रखा गया है।’
परिजनों को समझाने में जुटे डॉक्टर
ठीक हो चुके लोगों में से कुछ वृद्ध हैं जिनमें 93 वर्षीय एक महिला शामिल है। वृद्धों को गांधी अस्पताल में रखा गया है और बाकी लोगों को अन्य स्थानों पर। राव ने कहा, ‘हम पुलिस के बल पर उनके परिजन को बुला कर यह नहीं कह सकते कि वे अपने रिश्तेदारों को ले जाएं। हम उन्हें समझा रहे हैं कि ठीक हो चुके लोगों से उन्हें कोई खतरा नहीं है। हमारे समझाने के बाद तीन-चार लोग अपने रिश्तेदारों को लेकर गए।’
350 मरीज ऑक्सिजन सपोर्ट पर
सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में अभी कोविड-19 के 723 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें से 350 से अधिक मरीज ऑक्सिजन आपूर्ति पर रखे गए हैं।