कोरोना का बुरा दौर आना अभी बाकी- WHO

जेनेवा
दुनियाभर में के बढ़ते संक्रमण को लेकर ने चेतावनी दी है कि अभी इस महामारी का सबसे बुरा दौर आना बाकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा है कि अगर दुनियाभर की सरकारों ने सही नीतियों का पालन नहीं किया तो ये वायरस और लोगों को संक्रमित कर सकता है। कुछ दिनों पहले ही डब्लूएचओ चीफ ने दुनिया भर के नेताओं को राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी थी।

खत्म होने से बहुत दूर है महामारी
सोमवार को एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि कोरोना वायरस जल्द से जल्द खत्म हो जाए। हम सभी अपनी आम दिनों की जिंदगियों में वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन कड़वा सच ये है कि हम अभी भी इस महामारी के खत्म होने से बहुत दूर हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर महामारी फैलने की रफ्तार तेज हो रही है।

कोरोना का सबसे बुरा दौर आना बाकी
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता में कमी, वैश्विक एकजुटता में कमी, और बंटी हुई दुनिया कोरोना वायरस की रफ्तार को बढ़ा रही हैं। अगर इसे रोका नहीं गया तो अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी है। उन्होंने जर्मनी, दक्षिण कोरिया, और जापान के सरकारों के काम की तारीफ भी की और दूसरे देशों से भी इनके रास्ते पर चलने का आग्रह किया।

ग्लोबल लीडरशिप की कमी सबसे बड़ा खतरा
WHO ने पहले कहा था कि सबसे बड़ा खतरा जिसका हम सामना कर रहे हैं, वह वायरस खुद नहीं है बल्कि वैश्विक एकजुटता और वैश्विक नेतृत्व की कमी है। हम खंडित विश्व के साथ इस महामारी को नहीं हरा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ की, महामारी के शुरुआत में कथित तौर पर उचित कदम नहीं उठाने के लिए आलोचना की थी और उनका मानना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, चीन की अधिक प्रशंसा करता है। हालांकि, महामारी से निपटने में उनके प्रशासन की भूमिका भी सवालों में है।

कहां पैदा हुआ कोरोना? चीन जाएगी WHO की टीम
कोरोना वायरस की उत्पत्ति संबंधी जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन जल्द ही अपनी एक टीम चीन भेजेगा। हालांकि, अभी यह पता नहीं चल सका है कि इस टीम में कौन-कौन शामिल होगा और इस जांच का मकसद क्या होगा। चीन शुरू से ही करोना के उत्पत्ति संबंधी जांच से इनकार करता रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर दुनिया में बुरी तरह घिरे चीन ने दबाव में आकर भले ही जांच टीम को आने की अनुमति दे दी है। लेकिन, यह देखना बाकी होगा कि क्या चीन में इस जांच टीम को जिनपिंग प्रशासन का पूरा सहयोग मिलता है कि नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन शुरू से ही कहता रहा है कि चीन उसकी जांच टीम को बुलाए जिससे यह पता चल सकेगा कि इस वायरस का एनिमल सोर्स है या नहीं।

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