भारत और चीन () के बीच तनाव की दीवार बढ़ती जा रही है। भारत ने सख्त रूख अपनाते हुए चीन के बने ऐप को बैन कर दिया है। उधर Line Of Actual Control में भी भारत ने सैन्य ताकतों को मजबूत कर दिया है। जब से तनाव की स्थिति बनी है भारत ने तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखा है। भारत के इन्हीं सब कदमों ने चीन बौखला गया है। भारत में भी चीन मामले को लेकर सियासत गर्माती जा रही है। विपक्षी पार्टी के नेता बार-बार पीएम मोदी से अपील कर रहे हैं कि वो चीन के बारे में जवाब दें।
पीएम का संबोधनमंगलवार को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इस दौरान कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी चीन के मामले पर देश को कुछ जानकारी दे सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम ने अपना भाषण कोरोना वायरस अनलॉक 2.0 और गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं तक ही सीमित रखा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शायराना अंदाज पर चुटकी ली। ओवैसी ने भी पीएम पर हमला बोला। लेकिन आखिरकार पीएम मोदी ने क्यों चीन पर बोलना उचित नहीं समझा। इसको लेकर कई विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी।
रक्षा विशेषज्ञ ने क्या कहाएक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए रक्षा विशेषज्ञ रि. लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद ने कहा, ‘मुझे नहीं लगा था कि पीएम चीन के ऊपर कुछ बोलेंगे। हां ये जरूर था कि वो कोई पॉलिटिकल बात बोलेंगे। आज ही चीन के साथ कोर कमांडिंग स्तर की बैठक चल रही है इससे कुछ निकलकर सामने आ सकता है। फिलहाल हमें इंतजार करना चाहिए।’
दोनों के बीच पुराना विवादभारत और चीन के बीच काफी पुराना सीमा विवाद चला आ रहा है। ये विवाद रह रहकर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा करता रहता है। 5 मई के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। 15 जून को दोनों देशों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। जिसके बाद हालात और भी बिगड़ गए। भारत और चीन की हर स्तर पर बैठकें चल रही हैं और चीन को माकूल जवाब दिया जा रहा है। चीन भी बयानबाजी में भारी एहतियात बरत रहा है। भारत भी कोई भी ऐसा बयान नहीं दे रहा जिससे चीन को किसी भी स्तर पर कोई मदद मिल पाए।
चल रही हैं बैठकेंभारत और चीन की तीन बार कोर कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है। दोनों देशों की कूटनीतिक मीटिंग भी चल रही हैं। इस बीच पीएम मोदी किसी भी तरह की बयानबाजी से बच रहे हैं। ये कई मानकों पर बिल्कुल सही फैसला है क्योंकि चीन को हर स्तर पर जवाब दिया जा रहा है।