नो किस… सेक्स वर्कर्स के लिए अब नए नियम

नई दिल्ली
पुणे का रेड लाइट एरिया बुधवार पेठ, जिस्म बेचकर घर चलाने को मजबूर एक सेक्स वर्कर यहां पहले के मुकाबले अब कोठे पर मौजूद अपने कमरे को ज्यादा बार साबुन वाले पानी से धो रही है। खाली वक्त में अकसर सहेलियों से बातें करनेवाली यह महिला अब फोन में लगी दिखती है। फोन में यह उन चीजों को सीख रही है जो आनेवाले वक्त में काम आनेवाली हैं। जैसे कामुक बातें करना, फोन सेक्स और स्ट्रिपिंग।

कोरोना वायरस लॉकडाउन खुल चुका है, लेकिन देश के अलग-अलग कोनों में जिस्म बेचकर घर चलाने को मजबूर सेक्स वर्कर्स के लिए अभी परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं। कोरोना का डर अभी भी बना हुआ है इसलिए अब उनका काम पहले जैसा नहीं रहा है। सेक्स की जगह अब ई-सेक्स ने ले ली है। इसमें क्लांइट के साथ फोन पर ही न्यूड फोटोज, वीडियोज शेयर किए जा रहे है। सेक्स होता भी है तो उसमें किस की मनाही है।

किसी को पहननी होती सफेद साड़ी, किसी ने चोरी-छिपकर की बातें
उत्तर कोलकाता के रेड लाइट इलाके सोनागाछी की एक सेक्स वर्कर बताती है कि लॉकडाउन में उनके क्लाइंट की तरह-तरह की फरमाइश आतीं। जैसे कोई न्यूड फोटोज मांगता तो किसी को लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी में उन्हें देखना होता। कुछ ऐसी सेक्स वर्कर जो घरवालों से छिपकर ये काम करती हैं उनके लिए परेशानी और बढ़ गई थी। चेन्नै की एक सेक्स वर्कर बताती हैं कि जब परिवारवाले सो जाते तो वह छत पर जाकर चोरी-छिपकर क्लाइंट्स से बात करती।

कोरोना और लॉकडाउन ने बदला काम का तरीका
पहले लॉकडाउन और अब भी जो कोरोना का खतरा बना हुआ है उसने सेक्स वर्कर के काम का तरीका बदल दिया है। ये लोग अब वीडियो चैट पर क्लाइंट से बात करत हैं। क्लाइंट की डिमांड के हिसाब से फोटोज भेजने होते हैं। बिना किस वाला सेक्स, बिना फिजिकल कॉन्टेक्ट वाला डांस अब काम के नए तरीके हैं। पेमंट भी ऑनलाइन ली जा रही है। इतना ही नहीं सेक्स से पहले क्लाइंट का नहाना, दौरान मास्क लगाना और बार-बार बेड शीट चेंज करने का ध्यान रखना होता है।

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