की गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल होने के कारण 2500 विदेशी नागरिकों के ब्लैक लिस्ट किए जाने के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या तबलीगी जमात में शामिल लोगों के व्यक्तिगत वीजा को कैंसल किए जाने का आदेश है? क्या हर विदेशी जो जमात में शामिल हुआ था उनके वीजा कैंसल करने का आदेश अलग-अलग पारित हुआ है? अदालत ने सुनवाई दो जुलाई के लिए टाल दी है।
तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल होने भारत आए 35 देशों के 2500 लोगों को ब्लैक लिस्ट करने के भारत सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अभी तक याचिका की कॉपी उन्हें नहीं मिली है। तब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि ब्लैक लिस्ट किए जाने को लेकर कोई ऑफिसियल आदेश पारित नहीं किया गया इस मामले में प्रेस रिलीज जारी हुआ है और जमात में शामिल हुए लोगों का पासपोर्ट सीज कर दिया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या ये आदेश हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग जारी हुआ है या नहीं? अदालत ने कहा कि उनकी समझ बताती है कि हर व्यक्ति के लिए अलग से आदेश पारित होना चाहिए। लेकिन यहां एक प्रेस रिलीज की बात कही जा रही है। हम चाहते हैं कि ये बताया जाए कि आदेश अलग-अलग व्यक्ति के लिए जारी हुआ है?
इस दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि एक जनरल नोट जारी कर ब्लैक लिस्टिंग की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा कि लेकिन मंत्रालय का नोटिफिकेशन कहता है कि फैसला केस दर केस होना है। हम जानना चाहते हैं कि व्यक्तिगत केस में आदेश पारित हुआ है? इस मामले में केंद्र सरकार को जवाब देना है। तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम जवाब दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वीजा कैंसल हो गया है तो हमे बताया जाए कि अभी तक ये भारत में क्यों हैं? अगर वीजा कैंसल नहीं है तो स्थिति अलग है।