पिछले साल नवंबर से शुरू हुई की महामारी ने दुनिया के लगभग हर कोने को अपनी चपेट में ले लिया। अब करीब 6 महीने बाद यह घातक वायरस अटैक सदी की सबसे बड़ी महामारी बनकर खड़ा हो गया है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने 1 करोड़ लोगों को अपना शिकार बना लिया है। अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक रविवार, 28 जून को यह काला दिन रहा जब पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1 करोड़ 15 हजार 900 पार कर गई। अब तक वायरस ने 5 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है।
सबसे ज्यादा एक-चौथाई केस अमेरिका में
कोरोना इन्फेक्शन की चपेट में कुल संख्या का एक-चौथाई, सबसे ज्यादा 25 लाख लोग अमेरिका में आए हैं। इसके बाद 13 लाख ब्राजील, 6 लाख 33 हजार रूस, 5 लाख 48 हजार भारत और 3 लाख 11 हजार ब्रिटेन में कोरोना पॉजिटिव लोग हैं। राजनेताओं के सलाहकार ब्रिटेन के लीडिंग वैज्ञानिक सर जेरेमी फरार का कहना है कि यह भयावह आंकड़े भी दरअसल असलियत से बहुत कम हैं।
‘भारत जैसे देशों में पहली वेव का कहर जारी’
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि COVID-19 केस किसी सामान्य साल के अंदर गंभीर फ्लू के मामलों से दोगुने हैं। सर जेरेमी का कहना है कि साउथ एशिया, सेंट्रल और साउथ अमेरिका और अफ्रीका के घनी आबादी वाले देशों में अभी पूरी तरह पहली वेव ही नहीं आई है। यह आंकड़े सामने तब आए हैं जब ब्रिटेन, इटली और स्पेन जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित देश लॉकडाउन में ढील देने लगे हैं। हालांकि, यहां भी अभी कई महीनों तक सोशल डिस्टेंसिंग, वर्क फ्रोम होम जैसी बातों का पालन करना अहम रहेगा।
भारत में एक महीने में तीन गुना हुए केस
एक ओर जहां पश्चिमी देश वायरस के प्रकोप से बाहर निकलते दिख रहे हैं, वहीं शुरुआती दिनों में इससे महफूज दिख रहे रूस और भारत जैसे देशों में अब वायरस तेजी पकड़ रहा है। ब्राजील और भारत में एक महीने के अंदर मामले तीन गुना बढ़े हैं। भारत में एक महीने पहले 1 लाख 58 हजार केस थे जबकि अब यह आंकड़ा 5 लाख पार कर चुका है।