चीन टेंशन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को एक बार देश की सुरक्षा का मुद्दा खड़ा कर दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि देश की रक्षा और सुरक्षा के बारे में कब बात होगी। उनकी यह टिप्पणी आकाशवाणी पर प्रसारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से पहले आई। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘कब होगी राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात?’ गांधी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध और भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसैपठ के आरोपों पर सरकार से कड़े सवाल पूछ रहे हैं और प्रधानमंत्री से उनका जवाब मांग रहे हैं।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां तक कि नेपाल ने भी भारत के साथ लगती सीमा पर पहली बार अपनी सेना तैनात कर दी है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही मुमकिन हुआ है। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘अब नेपाल ने पहली बार सीमा पर सेना लगाई। मोदी है तो यह भी मुमकिन है…’ दरअसल सुरजेवाला ने भाजपा के नारे ‘मोदी है तो मुमकिन है…’’ पर चुटकी लेते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने एक समाचार पत्र में छपी खबर को टैग करते हुए कहा कि नेपाल ने पहली बार भारत-नेपाल सीमा पर अपनी सेना तैनात कर दी है।
बीजेपी के चीन साथ संबंधों को लेकर कांग्रेस के सवाल
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कांग्रेस से चीन के साथ संबंधों को लेकर प्रहार किया था। साथ ही राजीव गांधी फाउंडेशन को मिलने वाले फंड पर भी सवाल खड़े किए थे। इसके जवाब में रविवार को कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए बीजेपी और मोदी सरकार पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए पूछा बीजेपी और आरएसएस को फंड कहां से मिलता है। इसका जवाब पूरा देश जानने के लिए उत्साहित है।
कांग्रेस ने पूछा, जनवरी, 2009 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सीसीपी के बुलावे पर चीन क्यों गया? आरएसएस के डेलिगेशन को सीसीपी ने आमंत्रित क्यों किया, बावजूद इसके कि आरएसएस कोई राजनैतिक दल नहीं है? आरएसएस और सीसीपी के बीच अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत बारे क्या बातचीत हुई?
कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया कि तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष, नितिन गडकरी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाईना (CPP) के बुलावे पर 19 जनवरी, 2011 को चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर क्यों गए? इसके पीछे क्या मकसद था?
इसके अलावा बीजेपी से पूछा कि तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष, अमित शाह ने नवंबर, 2014 में भाजपा सांसदों और विधायकों का एक डेलिगेशन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (‘सीसीपी’) के ‘द पार्टी स्कूल’ के एक सप्ताह चलने वाले अध्ययन के लिए चीन क्यों भेजा? इसके पीछे क्या राज था?
मोदी पर सीधा हमला
कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा है कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए 4 अलग अलग अवसरों तथा भारत का प्रधानमंत्री रहते हुए 5 अलग-अलग अवसरों पर चीन की यात्रा क्यों की तथा 3 बार भारत में चीनी प्रीमियर की मेजबानी क्यों की? क्या वो पिछले 6 सालों में प्रधानमंत्री के रूप में चीनी प्रीमियर के साथ 18 बैठकें करने वाले देश के एकमात्र प्रधानमंत्री नहीं हैं? क्या चीनियों के साथ ‘झूला झूलने की कूटनीति’ फेल साबित हुई?