चीन से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका भारत समेत 25 देशों के साथ प्रशांत महासागर के हवाई में दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास करने जा रहा है। RIMPAC नाम के इस नौसेनिक अभ्यास में इस बार चीन को न्यौता नहीं भेजा गया है। वहीं ताइवान को इस युद्धाभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है। माना जा रहा है कि ताइवान के इस युद्धाभ्यास मे शामिल होने से चीन और आक्रामक रूख अपना सकता है। बता दें कि 17 से 31 अगस्त तक होने वाले इस एक्सरसाइज में 25 देशों की नौसेना आपसी सहयोग और युद्ध के नए दांवपेचों को सीखेंगी।
प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी नौसेनिक बेड़े के कमांडर ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार यह अभ्यास केवल समुद्र में ही आयोजित होगा। अलग-अलग देशों के सैनिकों के आपसी मेलजोल को रोकने के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस दौरान किसी भी प्रकार का कोई सेमिनार भी आयोजित नहीं किया जाएगा।
अमेरिकी कमांडर ने कहा कि वह 2018 में इस नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों को फिर से आमंत्रित कर रहे हैं। बता दें कि दो साल के अंतराल पर होने वाले इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इजरायल, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पेरू, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम, ताइवान और वियतनाम की नौसेनाओं के शामिल होने की संभावना है।
साउथ चाइना सी और कोरोना वायरस को लेकर बढ़ते तनाव के कारण इस बार चीन को इस युद्धाभ्यास के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। बता दें कि RIMPAC 2018 में चीन को न्यौता दिया गया था लेकिन बाद में अमेरिका ने इसे वापस ले लिया था। वहीं ताइवान को चीन की जगह इस युद्धाभ्यास में शामिल किया जाएगा। बता दें कि ताइवान और चीन में लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
इस युद्धाभ्यास में मल्टीनेशलन एंटी सबमरीन वॉर, मैरीटाइम इंटरसेप्ट ऑपरेशन, लाइव फायर-ट्रेनिंग इवेंट सहित कई प्रशिक्षण दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रही नौसेनाएं आपस में सहयोग को बढ़ाने को लेकर भी विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगी।