मिस्र की मशहूर बेली-डांसर समा-एल मासरी (Sama el-Masry) को तीन साल की जेल और करीब 14 लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी गई है। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर उनपर व्यभिचार और अनैतिक आचरण का आरोप लगाया गया है। समा को अप्रैल में उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स, फोटोज और वीडियो की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था। समा का टिक-टॉक अकाउंट भी था। उनके कॉन्टेंट को उत्तेजक मानते हुए यह सजा सुनाई गई है। वहीं, समा का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगी। (फोटो: इंस्टाग्राम, यूट्यूब)
वहीं, 42 साल की डांसर ने इन भी आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि जिस कॉन्टेंट के आधार पर उन्हें सजा सुनाई गई है वह उनके फोन से बिना उनकी इजाजत के चुराया गया है। कायरो की अदालत ने शनिवार को कहा कि समा ने पारिवारिक और राष्ट्रीय मूल्यों का उल्लंघन किया है और सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर उनका इस्तेमाल अनैतिक आचरण के लिए किया है।
टिक-टॉक पर वीडियो अपलोड करने वाली समा और दूसरी महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए संसद के सदस्य जॉन तलात ने कहा कि आजादी और व्यभिचार के बीच में बहुत फर्क है। तलात ने कहा है कि समा और दूसरी महिला सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पारिवारिक परंपराओं और मूल्यों को खत्म कर रही हैं, ऐसी गतिविधियों से जिन्हें कानून और संविधान ने बैन कर रखा है।
बीते महीनों में कई महिला टिक-टॉक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम यूजर्स को गिरफ्तार किया गया है। उनके ऊपर देह व्यापार तक के आरोप लगे हैं। तलात ने कहा है कि उन सभी के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए जैसे समा के खिलाफ हुई है। साल 2018 में मिस्र में एक साइबर क्राइम कानून बनाया गया था जिसके बाद सरकार को इंटरनेट का कॉन्टेंट सेंसर करने और सर्विलांस बैठाने का पूरा अधिकार मिल गया था। इस कानून के तहत 2 साल की सजा और 14 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। (फोटो: इंस्टाग्राम)