दुर्ग. बाल संप्रेक्षण गृह में अपचारी बालकों ने मंगलवार-बुधवार की दम्यानी रात जमकर उत्पात मचाया। केयर टेकर को बंधक बनाकर उससे छाबी छीन ली और पीछे की दीवार फांदकर 5 अपचारी भाग निकले। हालाकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भागे बचों में दो वापस लौट आए और वहीं तीन की तलाश जारी है।
केयर टेकर की जेब से चाबी निकाली और ताला खोलकर बाहर निकले
रात लगभग 10 बजे संप्रेक्षण गृह के प्लेस ऑफ सेफ्टी में रहने वाले कुछ बच्चेे एकत्र हुए और सोने के बजाय वे कमरे से बाहर बैठे रहे। मौका मिलते ही नाबालिगों ने केयर टेकर पर धावा बोल दिया और कपड़े से रस्सी बनाकर उसे बांधकर मारपीट की। इस दौरान कुछ बच्चों ने केयर टेकर की जेब से चाबी निकाली और ताला खोलकर बाहर निकले और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। घटना की जानकारी के बाद देर रात ही सूचना पुलगांव पुलिस को दी गई।
नई बाउंड्रीवाल को फांद कर भागे
कर्मचारियों का कहना है कि वे गेेट पर लगे ताला खोलने के बाद बारी बारी से निकले। वे पीछे पहुंचे और अंधेरा का फायदा उठाकर बाल संप्रेक्षण गृह के पीछे बनी नई दीवार को फांद कर बालोद – पुलगांव मुख्य मार्ग होते शहर की ओर भाग गए।
सुरक्षा प्रहरी ने तीन को पकड़ा
शोर शराब सुनकर मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षा प्रहरी भीतर पहुंचे। उन्होंने बंधक केयर टेकर को छुड़ाया और भाग रहे तीन अपचारी को दौड़ाकर पकड़ा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संप्रेक्षण गृह से भागने दर्जनभर से ज्यादा नाबालिगों ने साजिश रची थी।
भागे बच्चे प्लेस ऑफ सेफ्टी के
बाल संप्रेक्षण गृह के अंदर तीन सेल है। प्लेस ऑफ सेफ्टी और बाल संप्रेक्षण गृह का परिसर एक है। वहीं विशेष गृह भवन उसी परिसर में अलग है। वहां की व्यवस्था संप्रेक्षण गृह से अलग है। अधिकारियों के मुताबिक बाल संप्रेक्षण गृह में 36 अपचारी रह रहे है। वर्तमान में 33 शेष हैं। भागे बच्चों को प्लेस ऑफ सेफ्टी का बताया गया है।
पुलिस को दी सूचना
शिकायत के आधार पर अपचारी बालकों के निवास वाले क्षेत्रीय पुलिस को खोजबीन करने सूचना दी है। बताया जा रहा है कि भागेे बच्चेे 10 दिन पहले ही चोरी के प्रकरण में वहां पहुंचे थे। जिसमें से 2 अपचारी पहले भी बाल संप्रेक्षण गृह में रह चुका है और भागने की घटना में शामिल था।