दुर्ग.शासकीय कन्या महाविद्यालय दुर्ग में अब छात्राएं मूर्तिकला में स्नातक की डिग्री ले सकेंगी। बीए में विषय के रूप में मूर्तिकला भी विकल्प होगा। 17 जून को राजभवन के साथ हुई विवि समन्वय समिति की बैठक में कॉलेज को इस कोर्स के लिए मंजूरी दे दी गई है। दो साल से कॉलेज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के समक्ष नवीन विषय फाइन आर्ट मूर्तिकला शुरू कराने अर्जी लगा रहा था, जिसको अब जाकर मंजूरी मिली है। हाल ही में हुई कार्यपरिषद की बैठक में इसका फैसला किया गया। नया कोर्स शुरू करने शासन ने कॉलेज को पहले ही अनुमति दे दी थी, लेकिन विवि की ओर से मंजूरी देने में देरी हुई। विवि आखिरी तक भी कोर्स के लिए असमंजस में था, इसलिए यह मामला भी समन्वय की बैठक में रखना पड़ा।
संगीत विवि ने तैयार किया सिलेबस
बीए में मूर्तिकला का पाठ्यक्रम चलाने वाला गल्र्स कॉलेज प्रदेश की पहली संस्था है। इससे पहले यह कोर्स सिर्फ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में ही संचालित होता रहा है। इस कोर्स के लिए सिलेबस भी संगीत विवि की बोर्ड ऑफ स्टडी में मूर्तिकला की फैकल्टी ने ही तैयार किया है। कॉलेज बीते साल ही तैयार सिलेबस हेमचंद विवि को सौंप चुका था, मगर उस वक्त अनुमति नहीं दी गई थी। आने वाले साल में कॉलेज मूर्तिकला का आगाज करेगा। कोर्स संचालन के लिए पहले से एक्सपर्ट फैकल्टी कॉलेज में मौजूद है।
इस साल 40 सीटों पर प्रवेश
नए सत्र से शुरू होने वाले इस कोर्स में प्रथम वर्ष 40 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग दो साल पहले ही सीटें भी अलॉट कर चुका था। कॉलेज में संचालित भारतीय शास्त्रीय नृत्य व चित्रकला का पाठ्यक्रम भी संचालित है, जिसमें हर साल छात्राएं आगे बढ़कर प्रवेश लेती हैं। इसी को ध्यान में रखकर और डिमांड को समझते हुए कॉलेज ने मूर्तिकला का विषय भी शामिल किया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एससी तिवारी ने बताया कि मूर्तिकला के लिए छात्राओं ने ही इच्छा जताई। इसका पूरा सिलेबस संगीत विवि ने ही तैयार किया है, इसलिए राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको पहचान मिलेगी।