दुर्ग. जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर ग्राम भटगांव में आम रास्ते में फेंसिंग लगाकर अवैध कब्जे की शिकायत सामने आई है। ग्रामीणों के मुताबिक उक्त स्थल पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से निकासी नाली बनना था, लेकिन अवैध कब्जे के कारण जहां मनरेगा का काम अटका है, वहीं रास्ता भी संकरा हो गया है। खास बात यह है कि अवैध कब्जे की शिकायत पंचायत से लेकर कलेक्टर तक की जा चुकी है, लेकिन बेदखली की कार्रवाई नहीं हो रही। अवैध कब्जे की शिकायत लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे भटगांव के ग्रामीणों ने बताया कि आमा तालाब जाने वाले रास्ते में शिवनंदन व अन्य लोगों ने शासकीय भूमि खसरा नंबर 495 मद रकबा 0.03 रास्ता की भूमि पर अतिक्रमण कर अपनी निजी भूमि में शामिल कर लिया है। कब्जे की शिकायत पर पंचायत द्वारा कई बार नोटिस भी दिया गया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर ध्यान नहीं देने के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसके चलते अवैध कब्जाधारी ने अब कब्जे वाली जमीन पर सीमेंट का पोल गड़ाकर फेंसिंग भी करा लिया है। ग्रामीणों ने अवैध कब्जा तत्काल हटाने की मांग की है।
सीमांकन के बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी
ग्रामीणों ने बताया कि अवैध कब्जे को लेकर लोक सुराज अभियान, जनदर्शन में भी कई बार शिकायत किया जा चुका है। इस पर अतिक्रमण का प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार दुर्ग के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण की सुनवाई में अतिक्रमित जमीन की नाप-जोख (सीमांकन) भी किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है।
सिमटकर आधी हो गई सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि आमा तालाब जाने के मार्ग पर करीब दर्जनभर लोगों का अवैध कब्जा है। इससे सड़क आधी होकर सिमट गई है। यह मार्ग ग्रामीणों के खेती किसानी का आम रास्ता है। संकरा होने के कारण अब एक बैलगाड़ी भी गुजरना मुश्किल हो रहा है। सड़क को सुरक्षित रखने व पानी की निकासी के लिए नाली बनाने का प्रस्ताव था, यह काम भी रूका है।
बेदखली का दिलाया भरोसा
ग्रामीणों ने बताया कि मामले की शिकायत पर नायब तहसीलदार साहू ने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इसके साथ ही उन्होंने पटवारी को अतिक्रमण की रिपोर्ट जमा कराने भी कहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपचं और सचिव द्वारा कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं किए जाने पर नायब तहसीलदार ने स्वयं आकर कब्जा हटाने का भरोसा दिलाया है।