3 दिन बाद चीन ने छोड़े बंदी बनाए 10 जवान

लद्दाख
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच झड़प के दौरान बंदी बनाए गए के बाद दोनों देशों में एक और दौर की बातचीत शुक्रवार को शुरू हो गई। जानकारी के मुताबिक, चौथे दौर की इस बातचीत में दोनों देशों की सेना के मेजर-जनरल रैंक के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

इससे पहले गुरुवार को लेह में थ्री इन्फैंट्री डिविजन के कमांडर-मेजर जनरल अभिजीत बापत और उनके चीनी समकक्ष के बीच हुई बातचीत के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) ने भारत के 10 बंदी बनाए गए सैनिकों को रिहा कर दिया था। इनमें चार अधिकारी भी शामिल हैं। सैनिकों को बीते 15 जून को भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई झड़प के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बंदी बना लिया था। बताया जा रहा है कि भारत के दबाव के बाद तीन ने ये सैनिक छोड़े हैं।

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20 जवान हुए थे शहीद
गलवान घाटी में हुए इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने अपनी ओर हुए नुकसान की कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन रेडियो इंटरसेप्ट्स और अन्य खुफिया सूचनाओं से मिली जानकारी के मुताबिक चीन में 43 कैजुअल्टी हुई है। इसमें मारे गए और घायल दोनों तरह के सैनिक शामिल हैं। वहीं, 20 सैनिकों की शहादत के अलावा 18 भारतीय सैनिक बुरी तरह से घायल बताए जा रहे हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। 58 सैनिक ऐसे भी हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा चोटें नहीं आई हैं।

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भारतीय सैनिकों की रिहाई
इस घटना के बाद से भारत ने चीनी सेना के जनरल लेवल के अधिकारियों के साथ तीन दौर की बातचीत की। इसका मकसद उन 10 भारतीय जवानों की सुरक्षित रिहाई था, जिन्हें इस झड़प के बाद चीनी सेना ने बंदी बना लिया था। इन सैनिकों में चार अधिकरी भी शामिल थे। तीन दौर की बातचीत के बाद गुरुवार को आखिरकार भारतीय सैनिकों की रिहाई हो गई। सेना से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि गुरुवार को चीन के कब्जे से मुक्त हुए सैनिकों का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है। उनसे और भी पूछताछ की जाएगी।

वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को दावा किया कि कोई भारतीय सैनिक चीन के कब्जे में नहीं है। उन्होंने भारत-चीन विवाद के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही।

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