राजस्थान में क्या BJP कर पाएगी 'खेल'?

जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को राज्यसभा की 3 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव के मतदान होगा। राजस्थान विधानसभा में तीन सीटों पर चार उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, इनमें सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी से दो और विपक्षी बीजेपी की ओर से भी दो उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। दोनों पार्टियों और उनको सर्मथन दे रहे विधायक पिछले कुछ दिनों से जयपुर के अलग-अलग होटलों में ‘बाड़ाबंदी’ में हैं और अब मतदान के लिए ही वहां से बाहर निकले हैं। सुबह नौ बजे से राजस्थान विधानसभा भवन में चुनावी प्रक्रिया जारी। मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होना है और इसके बाद 5 बजे से मतगणना का काम शुरू होगा।
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कोरोना वायरस से बचाव के लिए खास इंतजाम
कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए विधानसभा परिसर में सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। चुनाव अधिकारी प्रमिल कुमार माथुर के अनुसार राज्यसभा चुनाव में सभी तरह के प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विधायकों के प्रवेश और बाहर जाने के लिये अलग अलग दरवाजों का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क, सैनिटाइजर और अन्य आवश्यक चीजों का एक किट विधायकों को उपलब्ध करवाया जाएंगी। माथुर ने बताया कि विधायकों के बैठने की व्यवस्था में भी नियमों की पालना की जायेगी।

कांग्रेस से वेणुगोपाल, डांगी तो बीजेपी से गहलोत और लखावतराज्यसभा तीन सीटों के लिये राजस्थान में 4 उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस की ओर से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को मैदान में उतारा गया है तो बीजेपी की ओर से राजेन्द्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को उम्मीदवार बनाया गया है। राजेन्द्र गहलोत को बीजेपी ने पहले अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन नामांकन के अंतिम दिन अपने दूसरे उम्मीदवार ओंकारसिंह लखावत को भी चुनावी मैदान में उतार दिया।


इनका कार्यकाल पूरा हुआ
राज्यसभा की तीनों सीटों पर अब तक बीजेपी के नेता काबिज थे। इनमें रामनारायण डूडी, विजय गोयल, और नारायण लाल पंचारिया शामिल है। तीनों का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह चुनाव हो रहे हैं। 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 101 अपने विधायकों के साथ 6 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी साथ है। कांग्रेस को 12 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। साथ ही पिछले दिनों चली सियासी उठापटक के बाद राष्ट्रीय लोकदल, माकपा, और भारतीय ट्राईबल पार्टी के विधायकों ने भी कांग्रेस से हाथ मिला लिया है।

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