नेपाली सेना ने भारतीय सीमा पर बनाईं चौकियां

काठमांडू
भारत के कड़े विरोध के बावजूद नेपाल की राष्ट्रपति ने देश के नए नक्शे को अपनाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब यह नेपाली संविधान का हिस्सा बन गया है। इससे पहले नेपाल के ऊपरी सदन ने विधेयक को पास कर दिया था। नक्शे में भारत के तीन महत्वपूर्ण इलाकों को नेपाल ने अपना बताया है। भारत ने कहा था कि यह नया नक्शा ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर सही नहीं है। उधर, संसद से नए नक्शे को मंजूरी मिलने के बाद नेपाल ने कालापानी के पास चांगरू में अपनी सीमा चौकी (बीओपी) को उन्नत किस्म का बना दिया है।

अब ये चौकियां स्थायी हो गई हैं और यहां सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इससे पहले चांगरू सीमा चौकी पर लाठी रखने वाले पुलिसकर्मी तैनात रहते थे। यह चौकी हर साल नवंबर से मार्च तक सर्दियों के मौसम में बंद रहती है। नेपाली सेना प्रमुख पूर्णचंद्र थापा ने बुधवार को ही इस चौकी का निरीक्षण किया था। धारचूला के उप जिलाधिकारी ए के शुक्ला ने कहा कि अब यह चौकी ज्यादा सर्दी के बावजूद ठंड के मौसम में बंद नहीं होगी। सीमा चौकी को नया बनाने और सेना प्रमुख के दौरे को अहम माना जा रहा है।

एक भी वोट विरोध में नहीं
हिंसक झड़प के बाद नेपाल से जुड़ी भारत की सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। सोनौली सीमा पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) और पुलिस ने गश्त तेज कर दी है। सीमाई इलाके में खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। सीमा के आसपास कड़ी नजर रखी जा रही है। नेपाल के संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है। भारत ने नेपाल के दावों को खारिज करते हुए दोहराया था कि यह सड़क पूरी तरह उसके भू-भाग में स्थित है।

नेपाल का नया नक्‍शा मान्‍य नहीं: भारत
राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के पास विधेयक पहुंचने से पहले नेपाल के ऊपरी सदन ने सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया। विधेयक के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। ऊपरी सदन में मौजूद सभी 57 मौजूद सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान किया। भारत ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्रों को उसमें शामिल करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने पर शनिवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह ‘कृत्रिम विस्तार’ साक्ष्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह ‘मान्य नहीं’ है । भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी किया था, जिसके करीब छह महीने बाद नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था।

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