भारत में टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारूप के लिए अलग-अलग कप्तान रखने पर चर्चा चल रही है लेकिन का मानना है कि अभी इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि तीनों प्रारूपों में बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद हैं।
मांजरेकर से पूछा गया कि क्या भारत को भी हर प्रारूप में अलग कप्तान रखने की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘अगर आपके पास ऐसा कप्तान है जो तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करता है तो फिर आपको प्रत्येक प्रारूप के लिए अलग कप्तान रखने की जरूरत नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘अभी आपके पास विराट कोहली हैं, जो तीनों प्रारूप में शानदार हैं इसलिए भारत को हर प्रारूप के लिए अलग कप्तान रखने की जरूरत नहीं है। भविष्य में ऐसा हो सकता है।’ मांजरेकर ने कहा कि भारत भाग्यशाली रहा है कि उसके पास महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे कप्तान रहे और इसलिए अलग अलग कप्तानों की जरूरत नहीं पड़ी।
उन्होंने कहा, ‘अगर भारत ऐसी स्थिति में आता है, जहां उसके पास बेहतरीन टेस्ट कप्तान और टेस्ट खिलाड़ी हैं लेकिन वह 50 ओवर या टी20 में अच्छे नहीं है तो तब आप अलग प्रारूप के लिए अलग कप्तान रख सकते हैं।’ मांजरेकर ने कहा, ‘लेकिन भारत के पास अभी तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करने वाला कप्तान है। पूर्व में भी धोनी ऐसा कप्तान थे। वह तीनों प्रारूप में कप्तान थे और तीनों में अच्छा प्रदर्शन भी करते थे।’