मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान () सरकार ने प्राइमरी कक्षाओं के लिए () लगा दिया है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने गुरुवार शाम आदेश जारी कर प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में प्राइमरी क्लासेस के लिए ऑनलाइन स्कूल पर पूरी पूरी तरह रोक का ऐलान कर दिया। माना जा रहा है कि इसके पीछे भी कहीं न कहीं चीन फैक्टर जिम्मेदार है।
दरअसल, ऑनलाइन क्लासेस के लिए उपयोग आने वाले अधिकांश ऐप चीन में बने हैं। इस बीच बीते सोमवार की रात लद्दाख सीमा पर चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में 20 सैनिकों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में चीन के प्रति गुस्सा है। सरकार ने इसीलिए बीएसएनएल, एमटीएनएल और अन्य कंपनियों को दिए ठेके निरस्त कर दिए हैं। ये कंपनियां भी अधिकतर चीनी उपकरण ही इस्तेमाल करती हैं।
ऑनलाइन क्लास पर रोक की मांग अभिभावकों का एक बड़ा वर्ग भी कर रहा है। अधिकांश स्कूल मार्च से ही बंद हैं। स्कूल नए सत्र में पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑलनाइल क्लास का सहारा ले रहे हैं। कई प्राइवेट स्कूल प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी रोजाना तीन घंटे तक ऑनलाइन क्लास संचालित कर रहे हैं। इससे छोटे बच्चों को खास तौर पर परेशानी हो रही है।
अभिभावकों का यह भी कहना है कि स्कूल ऑनलाइन क्लासेस को फीस वसूलने का हथियार बना रहे हैं। इसलिए विरोध के बावजूद ऑनलाइन क्लास के लिए छात्रों पर दबाव बना रहे हैं। इधर, स्कूलों का कहना है कि लंबे समय से छात्र घरों के अंदर बंद हैं। उन्हें स्कूल से जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन क्लास ही माध्यम है। सरकार के ताजा आदेश के बाद यह उम्मीद जगी है कि स्कूलों की फीस वसूली पर रोक भी लगाई जाएगी।