भोपाल, 18 जून (भाषा) मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शनिवार को होने जा रहे चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें कर रहे हैं। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए दोनों ही दलों ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, ‘‘शुक्रवार को हम विधायकों के साथ दोपहर भोज के दौरान बैठक कर रहे हैं। इसमें संभाग स्तर पर विधायकों की बैठक भी होगी।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा के दोनों उम्मीदवार पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी चुनाव में विजयी होंगे। मार्च में सिंधिया कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उनके समर्थक विधायकों के भी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने से प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी। इस बीच, कांग्रेस के एक विधायक ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर शुक्रवार को विधायकों की बैठक हो रही है। कांग्रेस ने दिग्वियज सिंह और वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिग्विजय सिंह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं तथा फिलहाल 24 सीट रिक्त होने की वजह से विधानसभा की प्रभावी संख्या 206 है। इसमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 92, बसपा के दो, सपा का एक तथा चार निर्दलीय विधायक हैं। इस स्थिति में राज्यसभा में निर्वाचन के लिए किसी भी उम्मीदवार को 52 मतों की जरूरत होगी। कांग्रेस दिग्विजय सिंह के चुनाव के लिए अपने 54 विधायकों को उन्हें वोट देने के लिए कह चुकी है। हालांकि भाजपा एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के राज्यसभा चुनाव जीतने से भाजपा को विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में फायदा होगा क्योंकि ‘‘जनता को हम यह बताएंगे कि दिग्विजय सिंह एक वरिष्ठ दलित नेता (फूल सिंह बरैया) का मौका छीनकर राज्यसभा सदस्य बने हैं।