भारत के शीर्ष ऑफ स्पिनर ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी का उनके करियर पर ‘गहरा प्रभाव’ रहा है और इंडियन प्रीमियर लीग में अपने शुरुआती वर्षों में वह इस पूर्व कप्तान का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे।
आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से एक चेन्नै सुपरकिंग्स (सीएसके) के साथ अश्विन को 2008 में अनुबंध मिला था और अश्विन ने कहा कि सीएसके के साथ बिताए समय ने उनके करियर को दिशा दी।
अश्विन ने ‘क्रिकबज इन कनवर्सेशन’ पर हर्षा भोगले से कहा, ‘आईपीएल और सीएसके ऐसा मंच है जिसे सभी हासिल करना चाहते हैं। मेरे लिए यह पहचान बनाने का जरिया था। धोनी को नहीं पता था कि अश्विन कौन है, (मैथ्यू) हेडन और (मुथैया) मुरलीधरन को नहीं पता था कि अश्विन कौन है। पहली चीज जो मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि मैं इन लोगों को दिखाऊंगा कि अश्विन यहां है।’
अश्विन ने कहा कि सीएसके की अगुआई करने वाले धोनी का उनके ऊपर ‘गहरा प्रभाव’ रहा और उन्हें प्रभावित करने का एकमात्र तरीका उनको नेट पर परेशान करना था।
उन्होंने कहा, ‘मैंने हेडन, जेकब ओरम और स्टीफन फ्लेमिंग का ध्यान नेट पर उन्हें गेंदबाजी करते हुए खींचा। पहले साल (2008 में) उन्हें मेरा सामना करने में परेशानी हो रही थी लेकिन मैं धोनी का ध्यान नहीं खींच पाया।’
अश्विन ने कहा, ‘मेरी उनसे कभी लंबी बात नहीं हुई। इसके लिए मुझे नेट पर धोनी को आउट करना था। वह मुरलीधरन पर छक्के मार रहे थे और मैंने सोचा कि अगर मैं उनसे बेहतर गेंदबाजी करूंगा तो मुझे मुरली पर तरजीह मिल सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने चैलेंजर ट्रोफी के दौरान उन्हें आउट करके और फिर छोटे बच्चे की तरह जश्न मनाकर उनका ध्यान खींचा।’
अश्विन ने कहा कि इसके बाद अब भंग हो चुकी चैंपियन्स लीग में विक्टोरिया बुशरेंजर्स के खिलाफ सीएसके के मैच में उन्होंने सुपर ओवर फेंकने की पेशकश की और धोनी ने बिना हिचकिचाहट के गेंद उन्हें थमा दी। अश्विन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और सुपर ओवर में 23 रन लुटा बैठे। इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि धोनी मैच के बाद जब उनके पास से गुजरे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘तुम्हें कैरम गेंद फेंकनी चाहिए थी।’
अश्विन ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अच्छी सफलता हासिल की और उनके 365 विकेटों में से 189 विकेट बाएं हाथ के बल्लेबाजों के हैं। अश्विन ने सफलता का श्रेय अपनी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि और डंकन फ्लेचर की सलाह को दिया।