राज्यसभा के लिए वोटिंग से पहले कांग्रेस को झटका, SP-BSP सहित 5 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया

भोपाल।
19 जून को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए होने वाली वोटिंग से पहले पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। बुधवार शाम 5 विधायकों ने उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया। इनमें से निलंबित रामबाई और संजीव कुशवाहा, के राजेश शुक्ला और निर्दलीय विक्रम सिंह राणा एवं सुरेंद्र सिंह शेरा शामिल हैं।

पांचों विधायकों ने बुधवार शाम बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने की घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा सहित दिल्ली से पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं प्रकाश जावडेकर मौजूद थे।

पांचों विधायक दिन में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक से गायब रहे थे, लेकिन शाम को अचानक बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर पार्टी प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। सभी विधायक शीर्ष बीजेपी नेताओं के साथ खास डिनर में भी शामिल हुए।

इससे थोड़ी देर पहले बुधवार शाम करीब 6 बजे जावडेकर, तोमर और विनय सहस्त्रबुद्दे भोपाल पहुंचे। उन्होंने बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री चौहान सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चुनावों को लेकर चर्चा की। ये लोग गुरुवार शाम को होने वाली विधायक दल की मीटिंग और विधायकों के साथ डिनर में भी मौजूद रहेंगे।

बुधवार शाम को पूर्व सीएम कमल नाथ के घर कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी हुई, लेकिन इसमें पार्टी के 6 विधायक नहीं पहुंचे। इसको लेकर भोपाल के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। मौजूद नहीं रहने वाले विधायकों में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी शामिल हैं।

हालांकि, बाद में पार्टी ने सफाई दी कि सभी विधायक प्रदेश नेतृत्व की अनुमति लेकर मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि सभी विधायक गुरुवार को 12 बजे दिन में होने वाली मीटिंग में मौजूद रहेंगे।

कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में बीजेपी के 107 सदस्य हैं। कांग्रेस के 92 विधायक हैं। बीएसपी के 2, एसपी कै 1 और निर्दलीय 4 विधायक हैं। दोनों पार्टियों की 1-1 सीट पर जीत करीब तय है, लेकिन दोनों की नजरें तीसरी सीट पर लगी हैं।

इसके लिए दोनों एक-दूसरे के खेमों में सेंध लगाने की कोशिश भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को होने वाली मीटिंग के लिए एसपी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रण भेजा था। इनमें ये 5 विधायक भी शामिल थे। इसलिए कांग्रेस की दूसरी सीट जीतने की संभावनाएं भी कम होती दिख रही हैं।

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