कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine Updates) पर काम कर रहे ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्हें एक ऐसी दवा मिली है जिससे इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से मरीजों को बचाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नामक स्टेराइड के इस्तेमाल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गई। स्टडी टीम के चीफ प्रो. मार्टिन लैंड्रे ने कहा कि डेक्सामेथासोन दवा को मरीजों को केवल 10 दिनों तक दिया जाता है। इस दवा की कीमत प्रति मरीज सिर्फ 481 रुपये ही है। जानिए क्या है डेक्सामेथासोन और ट्रायल के दौरान रिसर्चर्स ने क्या-क्या दावा किया?
डेक्सामेथासोन दवा WHO की आवश्यक दवाओं की सूची में साल 1977 से लिस्टेड है। डेक्सामेथासोन एक स्टेरॉइड है जिसका उपयोग सांस की समस्या, एलर्जिक रिएक्शन, ऑर्थराइटिस, हार्मोन या इम्यूनिटी सिस्टम डिसऑर्डर और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। यह दवा शरीर का नैचुरल डिफेंसिव रिस्पॉन्स को भी कम करती है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि इस दवा को 2104 मरीजों को दिया गया और उनकी तुलना साधारण तरीकों से इलाज किए जा रहे 4321 दूसरे मरीजों से की गई। दवा के इस्तेमाल के बाद वेंटीलेटर के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 फीसदी तक घट गई। वहीं, जिन मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पीटर होर्बी ने कहा कि ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं।मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ। इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए। डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। स्टडी टीम के चीफ प्रो. मार्टिन लैंड्रे ने कहा कि डेक्सामेथासोन दवा को मरीजों को केवल 10 दिनों तक दिया जाता है। इस दवा की कीमत प्रति मरीज सिर्फ 481 रुपये ही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ब्रिटिश वैज्ञानिकों के इस स्टडी की तारीफ की। डब्लूएचओ ने कहा कि हम डेक्सामेथासोन पर हुई स्टडी का स्वागत करते हैं जो कोरोना वायरस के मृत्यु दर में कमी ला सकता है। हमें जीवन को बचाने और नए संक्रमण को फैलने से रोकने पर ध्यान देना होगा।