चीन अब बोला- हमारे इलाके में हुई झड़प

पेइचिंग
भारत के साथ सीमा पर हिंसक झड़प में 20 सैनिकों की हत्‍या के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से इस हिंसक घटना के लिए भारत को जिम्‍मेदार ठहराया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ ल‍िजिन ने बुधवार को कहा कि हिंसा की यह घटना चीन के एलओसी वाले क्षेत्र में हुई है, इसलिए हमारी जिम्‍मेदारी नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि दोनों ही देश कूटनीतिक और सैन्‍य चैनलों से संपर्क में हैं।

लिजिन ने कहा, ‘यह बहुत स्‍पष्‍ट है कि चूंकि (हिंसा की घटना) चीनी वास्‍तविक नियंत्रण रेखा वाले इलाके में हुई है, इसलिए इसकी जिम्‍मेदारी चीन की नहीं बनती है। चीन और भारत दोनों ही कूटनीतिक और राजनयिक स्‍तर पर प्रासंगिक विषयों को सुलझाने के लिए निकट संपर्क में हैं।’ इससे पहले भी मंगलवार को भी चीनी व‍िदेश मंत्रालय ने भारत को ही इस हिंसक घटना के लिए जिम्‍मेदार ठहराया था।

चीन ने दावा किया कि गलवान वैली इलाका ‘हमेशा से ही’ उसका रहा है लेकिन वह ‘और ज्‍यादा हिंसा’ नहीं चाहता है। चीनी प्रवक्‍ता ने चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर पर टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया। उन्‍होंने कहा, ‘सीमा पर सैनिक इन मामलों को देख रहे हैं। मुझे अभी इस बारे में कुछ नहीं कहना है। सीमा पर स्थिति स्थिर और नियंत्रण योग्‍य है।’

‘दोनों ही पक्षों के बीच गंभीर शारीरिक संघर्ष हुआ’
ल‍िजिन ने मंगलवार को कहा था, ‘भारतीय सैनिकों की कार्रवाई की वजह से दोनों ही पक्षों के बीच गंभीर शारीरिक संघर्ष हुआ। चीन ने भारतीय पक्ष से इस पर आपत्ति जताई है। हमने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने सैनिकों पर सीमा को पार करने पर कड़ाई से नियंत्रण रखे या एकतरफा कार्रवाई करने से बचे जो सीमा की स्थिति को और ज्‍यादा जटिल बना सकता है।’

‘भारत अपनी बात पर कायम नहीं रहा’
इस बीच चीनी सेना पीएलए ने एक बयान जारी करके 6 जून को हुई आम सहमति का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारत अपनी बात पर कायम नहीं रहा। पीएलए ने गलवान वैली को अपना बताते हुए कहा, ‘गलवान वैली पर हमेशा से ही चीन का कब्‍जा रहा है।’ पीएलए ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने ‘जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए’ जिस कारण ‘गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *