फर्जी खबर छापने पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने जताई नाराजगी, कहा राजस्थान पत्रिका खंडन छापे

भिलाई/जगदलपुर (सीजीआजतक न्यूज) एक तरफ राजस्थान पत्रिका सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर लतेड़े खा रहा है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए खंडन छापने तक कह दिया।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के जगदलपुर संस्करण के स्थानीय संपादक मनीष गुप्ता (जो गवर्नमेंट सप्लायर और स्टेट एडिटर राजेश लाहोटी के खास है) ने एक खबर में यह जिक्रकर दिया कि “राज्यपाल के अनुमोदन के बगैर बस्तर की जमीन पर कोई काम नहीं” और राज्यपाल के आदिवासी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम के घर डिनर को लेकर अखबार के मुख्य पृष्ट पर खबर लिख दी। राज्यपाल के दौरे और बयान को गलत तरीके से जनता के सामने पेश करने की बात कह राज्यपाल श्रीमती अनुसूइया उइके ने बयान जारी कर दिया, कि राजस्थान पत्रिका में छपी खबर सरासर बेबुनियाद और निरर्थक है। श्रीमती उइके ने राजस्थान पत्रिका के खबर को खारिज करते हुए खबर को झूठा बताया और इस बात से भी इंकार किया की वे न तो अरविंद नेताम के घर गई और न ही उन्होंने बस्तर के बोधघाट परियोजना के मुद्दे पर उनसे बातचीत की। श्रीमती उइके ने इस बेबुनियाद और आधारहीन खबर का खंडन प्रकाशन करने पत्रिका को कहा। लेकिन पत्रिका तो पत्रिका है जिसने आज तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना ही की है वे भला कैसे खंडन प्रकाशित कर दें।

खंडन के बजाए नए स्वरूप में किया खबर का प्रकाशन
दूसरे ही दिन खंडन की बजाय उसी खबर को नए स्वरूप में प्रकाशित कर दिया, लेकिन खंडन का कहीं जिक्र नहीं किया। इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि राजस्थान पत्रिका में मूल खबरों का प्रकाशन नहीं होता बल्कि समाचार का उत्पादन होता है और खबर के किसी भी बिन्दु पर बिना उसकी जांच पड़ताल किए बगैर उसका प्रकाशन किया जाता है। ऐसे में पत्रिका के जिम्मेदार और मोटी तनख्वा लेने वाले खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर मानने वाले संपादक की कर्तव्यों पर सवाल उठना लाजमी है।

एक साल में ही पत्रिका अखबार का सर्कुलेशन आधा
जगदलपुर से ही पत्रिका के स्थानीय संपादक मनीष गुप्ता एकमात्र ऐसे संपादक है जो अपनी प्रतिभा के दम पर महज एक साल में ही पत्रिका अखबार का सर्कुलेशन आधा कर दिया। बताया जाता है कि लिखने पढऩे से गुप्ता जी का दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। यहां तक बताया जाता है कि उन्हें कम्प्यूटर का क तक नहीं मालूम। जगदलपुर में पत्रिका की प्रिंटिंग यूनिट होने के बावजूद ठेकेदार गुप्ता के इस योगदान से जगदलपुर में दैनिक भास्कर प्रसार में पत्रिका से आगे निकल गया है।

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